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Kavi Manikyaraj

कवि माणिक्य राज

अपभ्रंश भाषा के काव्य निर्माताओं में कवि माणिक्य राज का महत्वपूर्ण स्थान है। इनके पिता का नाम बुधसूरा और माता का नाम दोवा देवी था। यह दिगंबर परंपरा के आचार्य पद्मनंदी के शिष्य थे और इनका व्यक्तित्व सभी दृश्यों से महनीय है। इनका समय 16वीं शताब्दी स्वीकृत होता है। इनके द्वारा रची गई दो रचनाएं प्राप्त हैं।
1- अमर सेन चरित- इस चरित्र ग्रंथ में मुनि अमर सेन के जीवन वृत्त का वर्णन है। संपूर्ण कथावस्तु सात संधियों में विभक्त है।
2- नाग कुमार चरित इस ग्रंथ में कामदेव नागकुमार के चरित्र चित्रण किया गया है। इस ग्रंथ में सात संध्या हैं और इसमें 3300 पद्य प्रमाण रचना की गई है। अपभ्रंश भाषा के ग्रंथों में इन दोनों ग्रंथों का विशिष्ट स्थान है।

Shastra by Kavi Manikyaraj

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Shastra Name Rachayita Tikakar/Translator PDF Details